दिल्ली सरकार और एमसीडी के बीच पैसों के भुगतान को लेकर पिछले दो वर्ष से खूब तनातनी हुई है। पूर्वी और उत्तरी एमसीडी का आरोप था कि दिल्ली सरकार उसके हिस्से के पैसों का भुगतान नहीं कर रही है। इससे उसे कर्मचारियों का वेतन देने में परेशानी आ रही है। नगर निगमों की मांग थी कि चौथे वित्त आयोग के मुताबिक दिल्ली के टैक्स के हिस्से में उसकी भागीदारी सुनिश्चित कर दी जाए।
लेकिन दिल्ली सरकार इसके लिए सहमत नहीं हुई। वहीं वेतन न मिलने से सफाई कर्मचारियों ने सफाई का काम रोक दिया था, जिसके कारण पूरी पूर्वी दिल्ली में गंदगी का माहौल बन गया था। भाजपा का अनुमान है कि इसके कारण भी उसे चुनावी नुकसान झेलना पड़ा है।
दिल्ली सरकार ने उलटे एमसीडी पर ही अपना पैसा बकाये होने का आरोप लगाया था। दिल्ली सरकार के तत्कालीन बयान के मुताबिक तीनों नगर निगमों को मिलाकर उसे हजारों करोड़ रुपये का भुगतान करना था।
पैसे को लेकर हुई तकरार